अगर कोई हिन्दी मैं भी लिखना चाहे तो उसका स्वागत है!
मात्र भाषा की अहमियत को समझे और जहाँ तक हो सके उसका ही प्रयोग करे !
क्यों की आप अपने भाव अपनी मात्र भाषा मैं ही सही तरीके से अभिव्यक्त कर सकते है!
धन्यवाद
आपका अपना
प्रदीप चौधरी
Tuesday, 13 May 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment